45/15 मुकदमा पत्रिका अखबार पर रेड़ पड़ती है तो क्राईम ब्रांच जांच करती है और साप्ताहिक खूबी पर रेड़ पड़ती है तो जैल जाना पड़ता है भास्कर और पत्रिका दलालों से कम नही है। सामाचार पत्र क्या होता है सामाचार पत्र की गरिमा पर जब आंच खडी हो जाए और एक विज्ञापन के लिए जो पत्रिका और भास्कर है फं्रट पैज पर विज्ञापन छाप दें इनकी औकात क्या हो सकती है। समाचार पत्र की गरिमा क्या होती है। जो अखबार है विज्ञापनों के दलाल है। समाचार पत्र की गरिमा क्या होती है। बगैर विज्ञापन के समाचार छापेगें। जो समाचार पत्र अपने मुख्य पृष्ठ को बैच दे वहां अखबार नही विज्ञापन होता है। पत्रिका भास्कर कुछ भी हो हमे उससे मलतब नही है समाचार पत्र की गरिमा क्या होती है जहां कुछ भी छाप दो जिस अखबार पर मुख्य पृष्ठ पर विज्ञापन हो वो अखबार नही पम्पलेट होता है। लिखे तो कहां लिखे जिस समचार पत्र की गरिमा ब्लैकमेलर हो और विज्ञापन ही जहां बडे हो तो ये चोरों से कम नही बड़ी स्कूले ड़ाका मारो लूट करो विज्ञापन दो। किसानों की लोन तो माफ होती है। लोन माफ कौन करते है। पूरे किसान ही 50000 की लोन लेते है चोर सरकार पूरी माफ करती है कौनसा किसान है जिसके पास मोटरसाईकिल नही है। हॉस्टल में पढने वाले बच्चे किसान के नही है जहां लाखों मे फीस वहां किसान फीस कैसे चुकाऐगा। किसान तो गरीब है। यह फीस आती कहां से है। किसान तो किसान है स्वयं शिक्षा मंत्री राजस्थान सरकार अपनी औकात से बाहर बात कर रहा है। विज्ञापन तो बड़े बड़े छप रहे है निजी स्कूल में न तो पोषाहार है न व्यवस्था यह सरकारी स्कूल भिखारियों की स्कूल होती है। ये जो संस्थाऐं डवलप है वो पूरी शिक्षा मंत्री की दैन है। शिक्षामंत्री प्रिन्स, भारतीय, जहां भी चलन में है शिक्षामंत्री दलाल है। एक्ट क्या होता है उसका जनाजा उठाने वाला राजस्थान का शिक्षामंत्र प्रथम है।
संविधान का जनाजा उठाने वाला है शिक्षामंत्री प्रिवेन्शन ऑफ इम्प्रोपर यूज एक्ट 1952